ज्यादा बताने की जरुरत नही है क्यूंकि महात्मा गाँधी को तो हम जानते ही है ............ एक थे महात्मा गांघी जिन्होंने देश की आजादी के लिए कुछ किया तो, एक है ....... वरुण गाँधी जिनकी विष से भरी हुई जुबान देश को बाटने में लगी हुई है ...........
अब पूरी कहनी बताने की जरुरत तो है नही क्युकी ज्यादा बोलने की आदत तो हमे है नही ओर अपने तो देख ही लिया होगा न्यूज़ में ....
बात कुछ महीने पुरानी है जब पीलीभीत से वरुण गाँधी लोकसभा चुनाओ के लिए निर्वाचित हुए ............... वैसे इस सीट पर हमेशा उनकी परमं पुज्निये माताजी मेनका गाँधी जीतती आई है तो वरुण के लिए राह तो आसान थी ............. तभी वरुण को एहसास हुआ की इसबार चुनाओ में क्षेत्रो का फ़िर से परिसीमन हुआ है ओर १ लाख हिंदू मतदाता दुसरे क्षेत्र में ओर ९० हज़ार मुसलीम मतदाता पीलीभीटी में आ गए है | फ़िर क्या था वरुण बन्ने चले छोटे नरेन्द्र भाई मोदी ........ शुरू करदी अपनी ज़हरीली जुबान हिंदू वोट बैंक को हथियाने के लिए क्युकी अगर सारा हिंदू वोट बैंक बीजेपी को मिल गया तो जीत पक्की थी .........इसीलिए हमारे छोटे मोदी साहब ने अल्पसंख्यको को खासा कोसना शुरू किया ...... फ़िर क्या था आप लोग तो जानते है न की हमारे देश में मीडिया को जितनी आज़ादी है उतनी तो भइया हमारे प्रधान मंत्री को भी नही है न .... फ़िर क्या था हर चेनल पर वरुण आगये सुर्खियों में ओअर मीडिया ने बीजेपी बखिया उधेड़नी शुरू कर दी |
] फ़िर क्या कांग्रेस ओर दूसरी पार्टियों ने तो वरुण के जहरीले भाषण की इतनी डीवीडी खरीदी की ऐसा लगा जैसे आजकल शाहरुख़ खान की तो कोई वेल्यु ही नही रह गई हो | पार्टियों में चुनाओ प्रचार के लिए वरुण के जेहरीले भाषणों की इतनी डीवीडी बिकी जैसे कोई सोनू निगम का नया एल्बम रिलीज़ हुआ हो ...........
फ़िर होना क्या था वरुण बन गए कट्टर वादी हिदुत्व का नया चेहरा ....... ऐसा लगा की बीजेपी हिंदुत्व के दाग को धोने में लगा था को वरुण कहता है सर्फ़ एक्सेल है ना ................
फ़िर जिन्दगी ने यूँ टर्न लिया वरुण ने सोचा क्यूना में आत्मसमर्पण कर के हीरो बनजाऊ फ़िर भइयाजी चल्दिये आत्मसमर्पण करने, पहले ही वरुण पर धारा १४४ लगी हुई थी ओर भैयाजी अपने हजारो समर्थको के साथ सरेंडर करने पहुच गए| फ़िर क्या था बेहेनजी तो राजनीती की एक शातिर खिलाड़ी है उन्होने तो रासुका कानून लगा दिया वरुण पर, क्या करे ! अगर वरुण को हिंदू वोट बैंक चाहिए तो बेहेनजी को भी तो मुस्लिम वोट चाहिए ना | ऐसा करके मायावती तो मुलायम से भी बड़ी मुस्लिमो की हितेषी बन गई.........
अब वरुण चले जेल चक्की पीसने ............... पर दोस्तों ये तो इंडिया है ओर इंडिया पर एक इमोशनल अत्याचत तो होना ही था | वरुण को बिना मांगे ही धीर सारे हिंदू वोटर को फायदा हो गया ओर मायावती को मुस्लिम वोटर्स का ............... अब देखना ये की पीलीभीत सीट पर कौन सी पार्टी का परचम लहराता है ..............
इस्सी दौरान् बल ठाकरे ने अपने अख़बार सामना में कहा था - ये गाँधी हमे चलेगा ........... क्युकी इसने हिंदुत्व की बात की है ..............
अरे आदरणीय बालासाहेब ये गाँधी तो आपको चलेगा ही , अब देखना ये है की ये देश को चलता है की नही | क्युकी ये गाधी तो बड़ा कम्मुनल है ,
सुना है आज वरुण गाँधी २ हफ्ते के लिए जेल से रिहा हो गए है ..... तो हम उम्मीद करते है की अब तो वो सुधर ही जाए ओर ये जेहरिली भाषा को छोड़ दे ओर कम्मुनल होने के बजाये थोड़ा सेकुलर होने की तरफ़ ध्यान दे दे| क्युकी ये गाँधी बाल ठाकरे को तो चलेगा नही दौडेगा पर देश की जनता को थोड़े ना चलेगा .....................
तो अब देखना ये है की ये गाधी हमे चलेगा या नही इसका फ़ैसला तो देश की जनता कर ही देगी क्युकी ये जनता है सब जानती है ..........................
खैर फ़िर भी हमारे मालवा के लोग तो यही कहेंगे न - आपने कई कारणों ...................
गुरुवार, 16 अप्रैल 2009
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8 टिप्पणियां:
अफजल चलेगा, कसाब चलेगा ,अंतुले चलेगा पर वरूण नहीं चलेगा।
देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलिमों का है कहने वालों पर आप का क्या ख्याल है?
भुखारी कहता है कि मै आतंकवादी हू हिम्मत हो तो पकड़ के दिखाओ?उसपर कुछ कहेंगे?
बाद में लालू ने क्या कहा उस पर कुछ कहेंगे?
गलती आपकी नहीं हिन्दुस्तान में हिन्दु हित की बात करने वालों के साथ ऐसा ही होता है?
काश्मीरी पंडितों के बारे में कुछ लिखेंगे?
मजहब का नाम लेकर चलती यहाँ सियासत।
रोटी बड़ी या मजहब हमको जरा बताना।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
प्रशांत...
आप भी महाने आत्मा हैं। भाई मेरे न अफजल चलेगा, न कसाब चलेगा, न अंतुले चलेगा और न ही वरुण गांधी या बाल ठाकरे चलेगा। आपने जिस पोस्ट पर टिप्पणी की है, उसमें लेखक ने ऎसा कहां लिखा है कि इस देश में अफजल चलेगा, कसाब चलेगा ,अंतुले चलेगा पर वरूण नहीं चलेगा... आप जैसे लोग ही हैं, जो अतिवाद को धर्म विशेष से जोड़कर पूरे मुल्क को बर्बाद करने में तुले हुए हैं। आपको पता है कि देश का नम्बर एक आतंकी संगठन कौन सा है और उसके मुखिया से लेकर अनुयायियों तक का धर्म क्या है? मुझे पता है कि आपको जानकारी नहीं होगी और होगी भी तो आप कहने में संकोच करेंगे या फिर थेथरलॉजी करेंगे कि नहीं नहीं ये तो गलत बोल रहे हैं। पता कर लीजिएगा कि केंद्रीय ग्रह मंत्रालय की रिपोर्ट जो माननीय लालकृष्ण आडवाणी के गृहमंत्री रहते संसद को सौंपी गयी थी, उसके अनुसार देश का सबसे बड़ा आतंकी संगठन उल्फा है, जिसने अनगिनत खून की होलियां खेली हैं। इस संगठन के सदस्यों का धर्म चाहे जो हो, मैं नहीं मानता कि ये कोई धर्मयुद्ध लड़ रहे हैं। ये सभी अधर्मी हैं और इसलिए मैं इस संगठन को देखकर उसके द्वारा प्रयोग किये जा रहे धर्म विशेष के अन्य सदस्यों को भी लताड़ने नहीं लगूंगा। असल में आपको पहले इस पात पर मुतमइन होना पड़ेगा कि क्या आप वास्तव में देश की सुरक्षा और धार्मिक एकता, सहिष्णुता की वकालत करना चाहते हैं या फिर आप भी कसाब-अफज़ल जैसों के भाई बंधु हैं, जो देश के लिए अभिषाप हैं। पहले अपनी स्थिति स्पष्ट कीजिए कि आप देश का भला चाहते हैं या देश को और खंडित करना चाहते हैं। और, किसी भी पोस्ट में कमेंट करते समय भावना से ज्यादा तथ्यों पर ध्यान रखिये। पोस्ट लिखनेवाले ने किसी आतंकी का पक्ष नहीं लिया, लेकिन आप अपनी टिप्पणी के माध्यम से पढ़नेवालों को यह बताना चाह रहे हैं कि देश में चारों तरफ मुस्लिम तुष्टीकरण हो रहा है, जो गलत ही नहीं बल्कि मनगढ़ंत है। मुस्लिम तुष्टीकरण और आतंकियों की रहबरी, दोनों अलग-अलग चीजें हैं। दोनों को मिलाने की कोशिश कीजिएगा, तो आप खुद ही तथ्यों के आइने में झूठे साबित होंगे। आशा है कि आप समझ गये होंगे। अगर आपको और शंका रह गयी हो, तो मुझसे मेरे मेल पर अपने सवाल भेज दीजिएगा, सारे जवाब दूंगा, मेरा मेल आइडी है- nadeemjagran@gmail.com
धन्यवाद!
रांचीहल्ला
narayan..narayan...narayan
चाहे जीवन में फूल खिले
पहले काँटों से प्यार करो
जीने की लगन लगी हो तो
पहले मरना स्वीकार करो
खुशामदीद
स्वागतम
हमारी बिरादरी में शामिल होने पर बधाई
जय हिंद
ब्लोग जगत मे आपका स्वागत है। सुन्दर रचना। मेरे ब्लोग ्पर पधारे।
Na Kasab chalega, na Afzal chalega
Na Varun chalega, na Antule chalega
qunki...
Inme se jab-jab bhi koi chalega...
tab-tab Ultimetly, mera desh hi jalega...
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Kon si zindagi ki talash me sarhado pe ladte he log.......
Mene suna he ki Zindagi to Gharondo me raha karti he......
Shukria Dost....
Ishwar Sharma
Journalist, Bhopal
ishushree@yahoo.co.in
+9199269 52355
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